बरेली के थाना शीशगढ क्षेत्र के एक गांव में मर गई मां की ममता बेटी होने पर जंगल में फेंक आई माँ नवजात बच्ची का शव गन्ने के खेत में मिल
बरेली के थाना शीशगढ़ क्षेत्र के एक गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। मां की ममता उस समय मर गई जब जन्म लेते ही अपनी बेटी को जंगल में फेंक दिया था। इस दुनिया में महिला के लिए सबसे बड़ा सुख उसको मां बनने का होता है. इस दिन का इंतजार हर महिला करती हैं भले ही कोई नवजात नौ महीने के बाद दुनिया में जन्म लेकर आता है. तो परिवार के लोग उसे देख पाते हैं. लेकिन एक मां ही होती है.जो बच्चे को पैदा होने से पहले ही उसकी हर हरकत को महसूस करती हैं लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी भी मां होती हैं. जो अपने कलेजे के टुकड़े को कचरा बराबर समझती हैं. और उसे मरने के लिए कचड़े के डब्बे में फेंक देती हैं. एक ऐसी ही कलयुगी मां की खबर बरेली के थाना शीशगढ से सामने आई है. जहां नवजात बच्ची को कपड़े में लपेट कर जंगल में फेंक दिया। पक्षियों ने उसके गले को नोचकर घाव बना दिया था। ग्रामीणों लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। यह घटना शीशगढ़ थाना क्षेत्र के गांव मीरपुर की है मीरपुर निवासी मंगली के गन्ने के खेत में कुछ ग्रामीणों ने रविवार दोपहर नवजात बच्ची के शव को पड़ा देखा। बच्ची के शव को चील कौवे नोंच रहे थे यह देखकर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ भी जुट गई। पुरे गांव में अनेक तरह की का बाजार गर्म हो गया। सूचना मिलते ही थाना शीशगढ के इंस्पेक्टर विजय कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से पूछताछ शुरू कर दी।लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला। उन्होंने नवजात के शव को लावारिस में पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए बरेली भेज दिया है। इंस्पेक्टर विजय कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। और पुलिस इसकी छानबीन जल्दी कर देगी।