देशभर में महिला सुरक्षा के लिए चाहे जैसा माहौल हो, लेकिन प्रदेश पुलिस की एसएमएस सेवा में जो शिकायतें आ रही हैं, उनमें 70 से 80 फीसदी लड़कियों से छेड़खानी की हैं।पुलिस ने करीब एक साल पहले एसएमएस सेवा 9459100100 नंबर के जरिये शुरू की थी। इस पर आज भी लड़कियों या महिलाओं की ओर से आने वाली छेड़खानी या दुर्व्यवहार की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं।
पुलिस को एक साल की अवधि में कुल 1406 एसएमएस मिले हैं। यानी हर दिन करीब 4 मैसेज। इनमें 20 गंभीर मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
हेल्पलाइन नंबर शिमला स्थित पुलिस मुख्यालय से ऑपरेट होता है। जैसे ही पुलिस को एसएमएस पहुंचता है, उसके कुछ ही मिनटों में वही मैसेज संबंधित एसपी, डीएसपी और एसएचओ को भेजा जाता है। आधे घंटे के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट संबंधित अधिकारी को देनी होती है। हेल्पलाइन नंबर पर हर तरह की शिकायत की जा सकती है।
क्राइम के अलावा हादसों, आगजनी या बसों में सफर के दौरान टिकट न देने की, बाजार में चल रही किसी तरह की हेराफेरी की भी शिकायत कर सकते हैं। पुलिस एसएमएस सेवा पर आने वाले संदेश की जानकारी गुप्त रखी जाती है। उन्हीं मामलों में नाम सार्वजनिक होता है, जब प्रारंभिक जांच के बाद एफआईआर भी शिकायतकर्ता के नाम से ही दर्ज होनी हो।
एसएमएस के माध्यम से अधिकतर शिकायतें लड़कियों की ओर से आ रही हैं। छेड़खानी या मोबाइल पर एसएमएस भेजकर तंग करना आदि। मुख्यालय से तुरंत संबंधित थाने और एसपी को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए जाते हैं। इसके बाद आधे घंटे में एक्शन टेकन रिपोर्ट डीजीपी को देनी होती है। - सतवंत अटवाल. डीआईजी साइबर क्राइम, पुलिस मुख्यालय।