वाराणसी के चौकाघाट स्थित जिला जेल की सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता को धता बताकर फरार दुष्कर्म के आरोपी राजू सिंह को यूपी एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने 72 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया। सोमवार अलसुबह भोजूबीर से गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने आरोपी को लालपुर पांडेयपुर थाने की पुलिस को सौंप दिया। आज पुलिस उसे अदालत में पेश करेगी.एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है। दूसरी तरफ इस मामले में जिला जेल के छह कर्मियों पर गाज गिर सकती है। जेल अधीक्षक एके सक्सेना ने जेल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश शासन से की है।
हीरो के अंदाज में जेल से हुआ था फरार
लालपुर निवासी राजू सिंह को 7 फरवरी को एक किशोरी के साथ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में लालपुर पांडेयपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसे अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था। राजू चोरी का अभ्यस्त अपराधी भी है। उसके खिलाफ अलग-अलग आरोपों में लालपुर पांडेयपुर थाने में छह मुकदमे दर्ज हैं। वह जेल की बैरक नंबर एक में बंद था।बताया जा रहा है कि जेल में बंदियों से मुलाकात के लिए आने वाले उनके परिजनों और करीबियों के हाथ में जो मुहर लगाई जाती है, वही मुहर राजू ने न जाने कैसे अपने हाथ में लगवा ली थी। दूसरे पहर के मुलाकाती जब जेल से बाहर जाने लगे तो उन्हीं की भीड़ में शामिल होकर जेल कर्मियों को चकमा देते हुए वह बाहर निकल गया। अब इस बात की जांच की जा रही है कि जेल में मुलाकातियों के हाथ पर लगने वाली मुहर बैरक तक कैसे पहुंची! जेल से बाहर निकलने के दौरान भी गणना होती है। एक-एक मुलाकाती के नाम, पता का मिलान किया जाता है। इसके बावजूद लापरवाही का बड़ा मामला सामने आ गया। जेल प्रशासन की तहरीर के आधार पर राजू के खिलाफ लालपुर पांडेयपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस संबंध में जिला जेल के जेलर वीरेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि बंदी मुलाकातियों की भीड़ के साथ भागा है। घटना की जांच कराई जा रही है। जिस किसी की लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
जेल से फरार होने के बाद दुष्कर्म पीड़िता को धमकाया
जेल से बाहर निकल कर वह पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता के घर गया और उसे केस वापस लेने के लिए धमकाया। पीड़िता ने जब इस संबंध में अर्दली बाजार चौकी की पुलिस को सूचना दी तो राजू के जेल से फरार होने का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने राजू के संबंध में जेल प्रशासन से पूछा तो कोई कुछ बता पाने की स्थिति में ही नहीं था। इसके बाद लालपुर पांडेयपुर थाने की पुलिस हरकत में आई और राजू की तलाश शुरू की। मामला कमिश्नरेट के अफसरों के संज्ञान में आया तो राजू की तलाश में तीन थानों की पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच को लगा दिया गया।
पुलिस कस्टडी से भी भागने का किया था प्रयास
बीते फरवरी महीने में राजू को गिरफ्तार कर पुलिस अदालत में पेश करने के लिए ले जा रही थी। उस दौरान भी वह पुलिस अभिरक्षा से भागने का प्रयास किया था। कचहरी के अधिवक्ताओं ने राजू को पकड़ कर पीटने के बाद उसे पुलिस को सौंपा था। इसके बाद उसका प्राथमिक उपचार करा कर उसे अदालत में पेश किया गया था।
ब्यूरो रिपोर्ट जिला समदता