हरदोई। बीजेपी ने एंटी-अप असेंबली (2022 के चुनाव के लिए) के चुनाव में शामिल नेताओं के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने राष्ट्रीय अनुसूची जाति आयोग से अंजू बाला के सदस्यों के साथ अन्य नेताओं को अखिलेश पाठक बाहर कर दिया है दोनों नेताओं पर चुनाव में भाजपा के विपरीत बाहर ले जाने का आरोप लगाया गया।
बता दें कि अंजू बाला 2014 में बीजेपी के सिंबल से लोकसभा का चुनाव लड़ कर सांसद बनी थीं, लेकिन 2019 में उनका टिकट काट दिया गया था. 2020 में उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग का सदस्य मनोनीत किया गया था।
वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में अंजू बाला के पति पूर्व विधायक सतीश वर्मा बीजेपी से बिलग्राम मल्लावां विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला. इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए।
वहीं, बसपा ने सतीश वर्मा को बिलग्राम मल्लावां क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है. जबकि इस सीट पर बीजेपी की तरफ से आशीष सिंह आशू चुनाव मैदान में हैं. वहीं, बीजेपी को बसपा की तरफ से कड़ी टक्कर मिल रही है. जबकि अंजू बाला अपने पति के समर्थन में प्रचार कर रही थीं. इस वजह से उन्हें बीजेपी ने पार्टी से बाहर निकाल दिया।
यही नहीं, हरदोई में सालों से बीजेपी में जुड़े नेता अखिलेश पाठक को भी पार्टी ने बाहर कर दिया.वह शाहाबाद क्षेत्र में लम्बे समय से अपना सियासी सिक्का जमाए हुए हैं. 2012 का चुनाव अखिलेश ने बीजेपी के सिंबल से लड़ा था।
लेकिन 2017 में बसपा से बीजेपी में शामिल हुईं रजनी तिवारी को शाहबाद से उतार दिया गया था. अखिलेश पाठक फिर इस सीट पर प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी में अपनी विधायक रजनी तिवारी पर ही भरोसा करते हुए फिर से शाहबाद से टिकट दिया है।
वहीं, रजनी को टिकट मिलने के बाद अखिलेश पाठक निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए हैं. इसी वजह से उनको भी पार्टी ने उनको निष्कासित कर दिया है।