#हरदोई/उत्तर प्रदेश: रूस और यूक्रेन की जंग ने भारत की एक महिला प्रधान की पोल भी खोल दी है. जनता औऱ सरकार दोनों को ग्राम प्रधान की हकीकत पता चल गयी है. अब स्थिति यह है कि महिला मुखिया की जान औऱ कुर्सी दोनों संकट में है।
मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सामने आय़ा है. यहां के सांडी ब्लॉक की तेरापुरसेली ग्राम पंचायत से वैशाली यादव आठ महीने पहले पंचायत चुनाव में ग्राम लड़ी थीं, वैशाली यादव नौजवान लड़की थी जो विदेश में पढ़ी थी.
लिहाजा गांव के लोगों ने उनका भारी समर्थन किया और वे प्रधान का चुनाव बड़े अंतर से जीत गयीं. लेकिन अब जो पोल खुली है उससे लोग ठगे से महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक वैशाली यादव पहले से ही यूक्रेन में पढ़ रही थी. चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि वह गांव का विकास करने विदेश की पढ़ाई छोड़ कर आ गयी हैं.
लेकिन ग्राम प्रधान बनने के बाद विकास की चिंता छोड़ी और बगैर किसी को कोई जानकारी दिये यूक्रेन निकल गयी. उनके प्रधान चुने जाने के बाद पिछले 8 महीने से वैशाली के पिता मुखिया का काम कर रहे थे.
सरकारी कागजों में भी वैशाली के पिता द्वारा ही नकली साइन किये जाने की बात सामने आ रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर उन लोगों के नाम सामने आये जो यूक्रेन में फंसे थे. पता चला कि ग्राम प्रधान वैशाली यादव भी यूक्रेन में फंसी हुई हैं. लेकिन उनके यूक्रेन में होने की कोई जानकारी सरकार या प्रशासन को नहीं थी.
जबकि उसी दौरान ग्राम पंचायत की बैठकें हो रही थीं, सरकारी फाइलों औऱ कागजों पर साइन हो रहा था और उसमें वैशाली यादव का नाम रहता था. अब पोल खुलने के बाद यूपी का पंचायती राज विभाग सकते में है.
विभाग से जुडे अधिकारियों के ग्राम प्रधान वैशाली यादव के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. पंचायती राज विभाग ने बताया है कि विदेश में रह कर ग्राम प्रधान पद का निर्वहन करने के मामले में ग्राम प्रधान वैशाली यादव को नोटिस जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश शासन के उच्चाधिकारियों ने कहा वैशाली यादव विदेश में थी तो ग्राम पंचायत में सरकारी पैसे का खर्च किसके हस्ताक्षर से हो रहा था. ग्राम पंचायत में अब तक किए गए भुगतानों की जांच की जाएगी.
हरदोई के डीपीआरओ गिरीश कुमार ने बताया कि बिना अनुमति विदेश जाने और ग्राम प्रधान के दायित्वों के निर्वहन नहीं करने को लेकर ग्राम प्रधान को नोटिस जारी की जाएगी। ग्राम प्रधान लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थिति रहीं है,
इसकी जांच कराकर पंचायती राज एक्ट के तहत उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. विदेश में रहते हुए उनके द्वारा किए गए भुगतान को लेकर भी जांच की जायेगी. डीपीआरओ ने बताया कि नोटिस का जवाब मिलने के बाद ही सरकार द्वारा कार्रवाई की जायेगी।
बहरहाल ये जिला प्रशासन का भी फेलियर सामने आया है कि निर्वाचित ग्राम प्रधान बिना सूचना के 08 माह से विदेश में है, और किसी को खबर नही है। शासन स्तर से जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी कार्यवाही की जद में आ सकते हैं।