लखनऊ (उत्तर प्रदेश) रेंज से आईजी लक्ष्मी सिंह किसी भी पहचान की मोहताज नहीं है। यह एक आईपीएस एक ऐसी महिला है जो अपने काम की ताकत के साथ अपने जीवन में कई उपलब्धियों तक पहुंचती है।
जहां भी ips लक्ष्मी सिंह तैनात थे, कुछ को अपराधियों और माफिया को सांस लेने में कठिनाई थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी हैदराबाद में प्रशिक्षण के दौरान 2000 बैच आईपीएस लक्ष्मी सिंह को सर्वश्रेष्ठ प्रोबेशनर घोषित किया गया था। यदि उनके सम्मान के बारे में बात करते हैं,
तो उन्होंने उन्हें 9 एमएम पिस्तौल पुरस्कार में चांदी के बेटन और गृह मंत्रालय को दिया है। इसके साथ ही, ऊपर और डीजीपी सरकार से कई पदक भी प्राप्त हुए हैं।
आईपीएस बनने के बाद से अपराधियों में लक्ष्मी सिंह का काफी खौफ रहा है। मेरठ और आगरा रेंज में बतौर डीआईजी उन्होंने फोर्स को अनुशासित बनाए रखा। कंप्यूटराइजेशन के काम के लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरस्कृत किया था।
आईपीएस लक्ष्मी सिंह एसटीएफ में भी बतौर डीआईजी तैनात रहीं और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की। जब वो मेरठ के आईजी पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में तैनात रहीं तो उन्होंने वहां का चेहरा बदल दिया।
उन्होंने अपनी मेहनत से पुलिस ट्रेनिंग स्कूल मेरठ को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीटीएस मेरठ को भारत में नंबर वन संस्थान घोषित करते हुए 2 लाख रुपये का इनाम भी दिया था। महिला सुरक्षा के क्षेत्र में उन्होंने सराहनीय काम किया।
मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति प्रोजेक्ट को उन्होंने नए आयाम दिए। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने मिशन शक्ति अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक पहुंचाया। उनके प्रयास से ही लखनऊ रेंज के सभी जिलों में महिला से संबंधित अपराधों पर ना सिर्फ अंकुश लग सका बल्कि महिलाओं में जागरूकता भी आई।
मिशन शक्ति अभियान में उनकी भूमिका को देखते हुए शासन ने उन्हें नोडल अधिकारी भी बनाया है। आईपीएस लक्ष्मी सिंह जहां भी रहीं, वहां अपने काम से अलग पहचान बनाई। बनारस, चित्रकूट, गोंडा, फर्रुखाबाद, बागपत, बुलंदशहर में उन्होंने एसपी/एसएसपी के पद पर रहते हुए माफिया और संगठित अपराध के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई की। कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखा।
अगर आईजी लक्ष्मी सिंह की पर्सनल जीवन की बात करें तो आईपीएस लक्ष्मी सिंह के पिता का स्वर्गवास हो चुका है और मां बलिया में रह रही हैं। उनके पति ईडी के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर हैं, और वर्तमान में लखनऊ के सरोजनी नगर से बीजेपी प्रत्याशी हैं। घर पर एक प्यारी सी बेटी है।
आईपीएस लक्ष्मी सिंह ने दसवीं की परीक्षा में पूरे यूपी में दूसरी रैंक हासिल की थी। उन्होंने लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल से बीटेक में गोल्ड मेडल हासिल किया।