योगी सरकार बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है। सीएम ने गोवंश की रखवाली और उसकी सेहत की जिम्मेदारी के लिए जिलाधिकारी से लेकर अधिकारियों की फौज तैनात की है लेकिन अधिकारी गोशालाओं में बंधे पशुओं की खैर खबर नहीं ले रहे हैं।
मीरगंज नगर पंचायत द्वारा संचालित कान्हा गोशाला में 24 घंटे के दौरान तीन गायों ने दम तोड़ दिया है पोस्टमार्टम के बाद कर्मियों ने गायों के शवों को ठिकाने लगा दिया है। गोशाला में गायों के मरने का सिलसिला जारी है।एक गोशाला में पिछले 3 दिनों में 3 गोवंशी पशुओं की मौत का मामला सामने आया है।
इस मामले पर गोशाला नगर पंचयात पर गायों की ठीक से देखभाल में लापरवाही व भरपेट चारा न देने का भी आरोप लगा है। कुछ पशुओं की मौत का कारण बीमारी भी बताई जा रही है। फिलहाल उपजिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
नेशनल हाइवे किनारे रोड पर कान्हा गोशाला का संचालन नगर पंचायत के जिम्मे है। यहां गायों को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। गोवंश को चारा-भूसा की जगह सूखा भूसा खिलाया जा रहा है। अव्यवस्था से तीन गोवंश की मौत हो रही है।
मीरगंज तहसील के नगर पंचायत से बनी गौशाला का है, इस गौशाला में गौवंश संरक्षित नहीं है लेकिन वह अपनी बदहाली पर रो भी नही पा रहे हैं। प्रशासन के लाख दावों के बाद भी यहाँ पर बीते दिनों एक-एक कर कई गायों की मौत हो चुकी है।
गौवंश की हालत गौशाला में भी बदहाल कैसी है इसका जीता जागता उदाहरण है मीरगंज नगर पंचायत द्वारा बनवाई गई गौशाला में सफाई मीडिया को देख कर सामने हो रही है ।
कर्मचारियों से जब लगातार गायों व गौवंशों के लगातार मरने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि देख रेख व चारा पानी समय से दिया जा रहे है लेकिन ठंड से बचने की कोई व्यवस्था नही है। रात कार्यों की भी गौशाला की तरफ कोई ध्यान ही नहीं जब गोवंश की मौत हुई तो अधिकारियों की आंख खुली।