लखनऊ: यूपी में रामचरित मानस पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा बल्कि ये मामला और भी गर्माता हुआ नजर आ रहा है। राजधानी लखनऊ में बीते रविवार को रामचरित मानस की प्रतियां जलाए जाने पर हिंदूवादी संगठन काफी नाराज नजर आ रहे है। अखिल भारत हिंदू महासभा ने लखनऊ के चारबाग स्टेशन स्थित खम्मनपीर मजार पर सुंदरकांड के पाठ करने का ऐलान किया था। इस ऐलान की खबर लगते ही प्रशासन हरकत में आ गया। प्रशासन ने धार्मिक स्थल की सुरक्षा को लेकर मजार के चारो ओर पुलिस बल तैनात कर दिया। साथ ही अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी को उनके कैसरबाग आवास पर पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, अखिल भारत हिंदू महासभा ने चारबाग रेलवे स्टेशन पर मौजूद खम्मनपीर मजार को हटाने के लिए रेलवे को चेतावनी दी थी। हिंदू महासभा ने अपनी चेतावनी में कहा था कि चारबाग रेलवे स्टेशन की जमीन पर बने मजार को तुरंत हटाया जाए। इसके साथ ही राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने बुधवार को खम्मनपीर में सुंदरकांड के पाठ का भी ऐलान किया था। इस ऐलान की खबर मिलते ही लखनऊ पुलिस हरकत में आ गई और धार्मिक स्थल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया।
हिंदूवादी नेता को पुलिस ने किया नजर बंद
प्रशासन ने धार्मिक स्थल की सुरक्षा को लेकर मजार के चारो ओर पुलिस बल तैनात करने के साथ ही हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी को उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया गया। पुलिस ने उन्हें शांति का हवाला देते हुए मजार पर सुंदरकांड का पाठ न किए जाने को लेकर समझाया है।
लखनऊ में बीते रविवार को रामचरित मानस की प्रतियां जलाए जाने के बाद से विवाद गरमा गया और पुलिस ने एक्शन लेते हुए समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सहित लगभग एक दर्जन लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज की।
इस मौके पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अपने बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी को इस रामचरितमानस विवाद पर स्वामी प्रसाद मौर्य के जरिए कुछ भी कुछ हासिल नहीं होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य जनाधार वाले नेता नहीं हैं, अगर वह जनाधार वाले नेता होते तो विधानसभा चुनाव नहीं हारते। उन्हें विधान परिषद के पिछले दरवाजे से सदन में नहीं जाना पड़ता।