प्रधान ने ग्राम समाज के प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ कटवा दिया वन विभाग के अधिकारी बन बैठे धृतराष्ट्र
सांडा सीतापुर आपको बताते चलें बिसवां तहसील क्षेत्र के ब्लाक सकरन की ग्राम पंचायत दौदापुर में हरे भरे नीम के पांच पेड़ों को प्रधान ने बिना परमिट के बेच दिया और ठेकेदार द्वारा रातों रात कटवा कर मोकै से साक्ष्य मिटाने के लिए प्रधान द्वारा जेसीबी से जड़े भी खुदवा दी गई जिससे किसी को पता न चले सवाल इस बात का है की ग्राम पंचायत में ग्राम समाज की जमीन में लगे हुए पेड़ों को कटवाने के लिए उप जिलाधिकारी महोदय का परमिशन लेना होता है लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा ऐसा नहीं किया गया अपनी दबंगई के चलते हुए प्रतिबंधित पेड़ों को बिना परमिट के ग्राम पंचायत में लगे पेड़ों को अपनी निजी संपत्ति समझ कर बेच दिया सोचनीय विषय है की ग्राम पंचायत के किसी भी पेड़ को अगर काटने की जरूरत पड़ती है तो उसका प्रस्ताव करके फिर उच्च अधिकारियों की सहमति से उन पेड़ों की नीलामी कराई जाती है खुले में परन्तु यहां सब गोपनीय तरीके से बिना प्रस्ताव बिना अनुमति के न नीलामी सीधे पेड़ों को कटवा दिया गया और जेसीबी के द्वारा सभी जड़ों को भी खुदवा कर हटा दिया गया जिससे किसी को यह भी पता न चले पेड़ों की कीमत क्या होगी। अब देखना यह है की ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम पंचायत में प्रतिबंधित लगे हरे भरे पेड़ों पेड़ों को अपनी निजी संपत्ति समझ कर बिना परमिट के अपनी दबंगई के चलते कटवा कर दे दिया गया इस प्रकरण के संबंध को वन विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है अधिकारियों द्वारा दबंग प्रधान के ऊपर क्या कार्रवाई की जाती है या मामले को यूंही रफा-दफा करके ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है यह तो आने वाला वक्त बताएगा।