सीतापुर। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव निकट आते ही सरगर्मियां तेज हो गई हैं तो वही सीतापुर जनपद की सदर नगर पालिका सीट पर मौजूदा अध्यक्ष राधेश्याम जायसवाल है मगर विधान सभा चुनाव मे एक बार फिर मिली हार ने राधे के इरादों को झकझोर दिया है अब ऐसे मे अगर राजनीती मे बने रहना है तो इस नगर पालिका चुनाव मे जीत जरुरी है लेकिन राधेश्याम जयसवाल के सामने कई उलझने बनी हुई है ऐसे में अगर बात की जाए समाजवादी पार्टी की तो शहर में चर्चाएं हैं कि इस बार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भाजपा के पूर्व विधायक राकेश राठौर को टिकट दे सकते हैं जो भाजपा से सपा में शामिल हुए है वहीं अगर बात की जाए आने वाले लोकसभा चुनाव की तो इस बार का लोकसभा चुनाव भाजपा पिछड़ा वर्ग पर लड़ने का मन बना रही है। जिसको लेकर सीतापुर सदर सीट पर तेली समाज सहित पिछड़ा वर्ग को साधने की कवायद सपा करना चाह रही है। अब ऐसे में अगर समाजवादी पार्टी राधे श्याम जयसवाल को टिकट नहीं देती है तो राजनीतिक सफर का अंत होता राधे को नजर आ रहा है अब ऐसे में राधेश्याम जयसवाल इस कवायद में जुटे हुए हैं कि समाजवादी पार्टी से भी विद्रोह ना करके भाजपा से अपनी बहू को टिकट दिलवा दें ऐसे में अगर भाजपा रश्मि को अपना प्रत्याशी बनाती है तो राधेश्याम जयसवाल पर्दे के पीछे से पूरा खेल नियंत्रित करने की क्षमता रखते हैं।दीपावली पर्व पर लगाई गई रश्मि जायसवाल द्वारा बधाई फोल्डिंग इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते हुए नजर आ रहे हैं मगर राधेश्याम जयसवाल शायद किसी नए पैंतरे का इस्तेमाल करने में जुटे हुए हैं जिसे समझ पाना राजनीतिक पंडितों के लिए भी भारी पड़ रहा है। सीतापुर की राजनीति में राधेश्याम के लिए लोगों का मानना है कि राधे वहां अपनी गोटियां फिट कर देते हैं जहां पर लोग पहुंच नहीं पाते हैं अब ऐसे में देखना होगा कि निकाय चुनाव मे राधेश्याम जयसवाल किस पार्टी से दावेदारी करते हैं।