खबर से तिल मिलये वन कर्मचारी अनरुध वर्मा ने करवाई तीन पत्रकारों की पिटाई पत्रकार पीटते रहे और अनरुध वर्मा बातों में उलझे रहे
बिसवां सीतापुर क्षेत्रीय लोगों द्वारा सूचना मिलने पर जानकारी मिली की पिकअप में सिसम के पेड़ कटे जा रहे हैं पिकप गाडी़ का नंबर UP 50 AT7189 बिसवां सीतापुर मार्ग रेलवे क्रॉसिंग पर ऑन ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को सूचना देने के बाद भी उन्होंने पिकअप को न रोकर करके गाड़ी को आगे जाने दिया गाड़ी में बैठे लोगों के द्वारा सूचना दी गई की यह गाड़ी सलीम आढ़त पर जा रही है जिसकी सूचना इसके पहले वन कर्मचारी अनुरुद्ध वर्मा को दी गई थी।
जो मौके पर मौजूद थे और उन्हीं के सामने पत्रकारों के की पिटाई की गई जब एक वन कर्मचारी के सामने पत्रकार पीटते रहेंगे तो ठेकेदारों के हौसले दिन प्रति दिन हो रहे हैं।
बुलंद जब उनको वन विभाग के द्वारा मिली होगी छूट तो पिर क्यो नहीं पिटे जायेंगें पत्रकार आम लोगों की तो बात ही ना की जाये जब अनुरुद्ध वर्मा ने डिप्टी रेंजर अरविंद कटिहार से जानकारी ली की यह पिक की सूचना आपको है या नहीं तो उन्होंने जानकारी दी किया पिकअप अरविंद कटियार ने बातया की इसकी सूचना हमे जब इस संबंध मे वन रेंज अधिकारी ने बताया इसकी जानकारी हमें नहीं हैं।
खान धर्म कांटा पर पत्रकारों का फोन छिना गया उसके बाद उनको मार पिटा गया जिसमें दैनिक वाॅयस ऑफ अमेठी के जिला ब्यूरो और उनके साथ सोनू राज श्याम सरोज भी महजूद थे लगभग खान धर्म कांटा पर 12 15 लोगों की भीड़ लगी थी।
उसी में वन कर्मचारी वार्तालाप हो रही थी की उनके सामने पत्रकारों के पिटाई होती रही उन्होंने किसी से यह तक नहीं कहा कि आप इनको क्यों मार पीट रहे हो जब वहां से पत्रकार इधर-उधर हटके थाना अध्यक्ष बिसवां ने तत्काल क्षेत्रीय दरोगा हुआ पुलिसकर्मियों को मौके पुलिसकर्मी पहुंचे तो वह लोग घटनास्थल से जा चुके थे और वहां पर मामले को छोड़कर अपनी जान बचते बचाते हैं।
आपने घर पहुंच गए तब जाकर वन कर्मचारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने नाम बताने से मना कर दिया जबकि क्षेत्र में 2 दिन से कटान चल रहा है।
जिसकी सूचना ट्विटर के माध्यम से की जा चुकी है लेकिन वन कर्मचारियों की हिला हवेली के चलते कटान चरम सीमा पर फल फूल रहा है जबकि अभी आज के 4 दिन पहले दैनिक वॉयस ऑफ अमेठी मैं कटान के खबर प्रकाशित की गई थी।
वन कर्मचारी व रेंजर साहब खबर प्रकाशन हुई थी जिसके चलते वन कर्मचारी उन लोगों का नाम बताने से साफ मना कर रहे हैं बिसवां अढ़तियों के नाम कुछ इस प्रकार सलीम आढतिय पसारी आढतिय कयूम आढतिय हकीम आढतिय पप्पू आढतिय कयूम नेता आढतिय रिजवान आढतिय उवेश आढतिय बफातू आढतिय आदि जिन लोगों के द्वारा वन विभाग बिसवां को दिन के 50000 रुपये दिए जाते हैं।
अगर वन विभाग इनके ऊपर कोई कार्यवाही करता है तो इनकी पैदावार बंद हो रही हैं। आढ़त पर बुलाकर पत्रकारों की पिटाई कराई जाती है आखिर इनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होगी तो वन विभाग व अढ़तियों के खिलाफ होगा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जब इस मामले में डीएफओ बृजमोहन से जानकारी लेनी चाही तो उनका फोन नहीं रिसीव किया गया आखिर फोन कैसे रिसीव किया जाएगा जब उनको महीने की भत्ता अढ़त के माध्यम से पहुंच रही है।