जिले के विकास खण्ड इलाकें में ढ़राल्ले से हो रही है DAP की काला बाजारी अधिकारी बने मूक दर्शक
सीतापुर रेउसा फसल बुआई का समय धीरे धीरे निकल रहा है किसान खाद के लिए इधर उधर भटक रहा है समय पर खाद नही मिल रही है कही कही मिल भी रही है तो 1600 तथा 1650 रुपये बोरी 50 किलो की मिल रही है जिम्मेदार मूकदर्शक बन कर किसानो (अन्नदाता) के साथ हो रही लूट को देख रहे है। किसानो के साथ हो रही इस लूट के लिए जिम्मेदारों की मौन स्वीकृति क्यो न समझा जाय क्यो कि खुलेआम खाद की कालाबाजारी जारी है और इस विषय पर कहने के लिए कोई तैयार नही है बाढ़ भीषण बरसात और बाढ़ के कारण किसानों की तैयार फसले नष्ट हो चुकी है। किसान पहले से फसल बर्बाद होने से पीड़ित है अब आगे की फसल बुआई के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। तो क्या इसी प्रकार किसान की आमदनी दो गुनी होगी क्या इस तरह से किसान के आयेगें अच्छे दिन। इस विषय को शासन प्रशासन को तत्काल संज्ञान मे लेना चाहिए।