"क्षेत्र कोई भी हो हर तरफ चल रहा है माफिया राज"~शिव प्रकाश सिंह
1-"मा० मुख्यमंत्री महोदय से ज्ञापन के माध्यम से की गई शिकायतों पर हुए आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां"
2- "खनन अधिकारी सीतापुर के संरक्षण में गुलछर्रे उड़ा रहे खनन माफिया"
सीतापुर जनपद में विभागीय प्रशासन की मिली भगत से भू माफिया, खनन माफिया,गन्ना माफिया,शिक्षा माफिया, स्वास्थ्य माफिया कुछ इस तरह से हावी हैं कि लगता है माफिया राज चल रहा है!जिला प्रशासन से इन प्रकरणों में की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती?बतौर प्रमाण किसान मंच सीतापुर द्वारा 14 मार्च को मा0 मुख्यमंत्री महोदय को संबोधित ज्ञापन मा0 जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से भेजा गया था,वहां से जिला प्रशासन के लिए आदेश संख्या- बीस- सी०एफ०(2023) न्या०सं० द्वारा जांच हेतु आदेशित किया गया है! किसान मंच राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश प्रभारी शिव प्रकाश सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रसिद्ध तीर्थ नैमिष सहित सीतापुर शहर व जनपद में चारों तरफ विभिन्न कार्यों के लिए चयनित जमीन पर भू माफियाओं ने अवैध निर्माण करके निजी कालोनियां विकसित कर रखीं हैं,और हर तरफ अवैध प्लाटिंग की जा रही है! कार्यवाही के नाम पर भी राजनीति की जाती है!सत्ता पक्ष से जुड़े भू माफियाओं को खुलेआम इन काले धंधों की छूट है!और भाजपा संगठन द्वारा सीतापुर चेयरमैन पद प्रत्याशी हेतु प्रदेश संगठन को भेजें गए नामों में भी दो भू माफियाओं के नाम शामिल कर उन्हें क्लीन चिट दी गई है!किसान मंच द्वारा अभी तक उपरोक्त प्रकरण में कई बार ज्ञापन दिया गया,परंतु जिला प्रशासन द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई!बस खाना पूर्ति के लिए उन्हीं जिम्मेदारों को जांच सौंपी गई जो भू माफियाओं के साथ स्वयं इस घोटाले में पहले से लिप्त थे! रामराज्य का ढिंढोरा पीट रही केन्द्र व प्रदेश सरकार को सोचना चाहिए की देश व विदेश में प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नैमिष व सीतापुर शहर से जुड़े क्षेत्र सहित समूचे जनपद के कस्बा व शहरों में पूर्व से सैंकड़ों वीघा जमीन और तालाबों को पाटकर की गई अवैध कब्जेदारी के बाद की जा रही प्लाटिंग पर अंकुश लगाने हेतु तैनात अधिकारी हिस्सा पाने के बाद मौन धारण कर लेते हैं!खनन अधिकारी सीतापुर के संरक्षण में खनन माफिया दिन रात अवैध धंधे में व्यस्त हैं,प्रमाण सहित लिखित शिकायत के बावजूद सीतापुर गोला रोड कुछ ही दूरी पर पर छह एकड़ गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुकी भट्ठे की जमीन खरीद कर हजारों ट्रालियों से भर दी गई! लिखित व मौखिक शिकायत के बावजूद खनन अधिकारी की मिली भगत से काम हो गया!इन प्रकरणों पर आवाज उठाने वाले शिकायतकर्ता कुछ दिन दौड़ भाग के बाद चुप रहने के लिए विवश हो जातें हैं!किसान मंच शहरी निकाय चुनाव आचार संहिता समाप्त होने पर इन विभिन्न मुद्दों पर निर्णायक भूमिका में आंदोलन की तैयारी कर रहा है!