सीतापुर। सीतापुर के महमूदाबाद नगर पालिका में इतना भ्रष्टाचार हो रहा है। कि अब तो भ्रष्ट अधिकारी भी चरम सीमा पर पहुंच चुके हैं।
वह भ्रष्टाचार करने के लिए कितना गिर सकते हैं। या आप सोच भी नहीं सकते। महमूदाबाद में विकास के नाम पर पैसा तो आता है। लेकिन विकास नहीं होता विकास केवल उनकी जेबों का होता है।
जिन अधिकारियों और जिन नेताओं के बैंक में पैसा आता है। विकास के नाम पर आधे पैसे से विकास करते हैं। और आधा पैसा अपनी जेब में रखते हैं।
नगर पालिका अध्यक्ष, और नगर पालिका अधिशासी, अधिकारी, के मिलीभगत से होते हैं सारेकाम। महमूदाबाद की सड़कें टूटी हुई है। पार्क टूटा हुआ हैं। रोड जर्जर पड़ी हैं।. खंभों की लाइट टूटी पड़ी है। आधे खंभे की लाइट जलती नजर आते हैं। आधे जलती ही नहीं। गली मोहल्लों के अंदर रोडे टूटी हुई है!
आखिरकार महमूदाबाद में क्या हुआ विकास कार्य। महमूदाबाद की भोली भाली जनता को विकास के नाम पर तो केवल बेवकूफ बनाया गया है।
खबर लगाने पर खबर का कोई असर नहीं होता है। लोगों के द्वारा पत्रकारों के ऊपर दबाव बनाया जाता है। पत्रकारों का काम होता है। सच दिखाना अगर पत्रकार सच नहीं दिखाएंगे तो सच कौन दिखाएगा। यह पूछती है महमूदाबाद की जनता। अगर पत्रकार सच लिखता भी है। तो उसको जान से मारने की धमकी भी मिलती है।