सीतापुर जिले के विकास खण्ड रेउसा इलाके में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चाहे लाख रुपए क्यों न कर दे किन्तु उनके ही मातहत कर्मचारी पलीता लगाने से बाज नहीं आते है। हम बात करते है खण्ड शिक्षा क्षेत्र रेउसा के कुछ गांजरी क्षेत्र मे शिक्षा ब्यवस्था की। जहाँ शिक्षकों द्वारा क्षेत्रीय होनहारों के भविष्य से खिलवाड़ कर उनकी जिन्दगी बर्वाद करने का काम किया जा रहा है।
जिसके बदले सरकार उन्हें 40,45 हजार बेतन भी दे रही है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सुबह ग्राम सभा सीपतपुर मे स्थित प्राथमिक विद्यालय मे 8:01 बजे तक आठ मे से मात्र तीन ही शिक्षक पहुंचे थे। 8:23 बजे प्राथमिक विद्यालय ग्राम सभा रंडा कोंडर मे 5 बच्चे शिक्षकों का इंतजार करते मिले बच्चों से जानकारी करने पर पता चला कि शिक्षक गण 10:00 बजे तक ही विद्यालय पहुंचते हैं। 8:36 बजे तक।
विद्यालय में दो बच्चे मास्टर साहब की कुर्सी पर बैठे हुए पाए गए जानकारी करने पर बच्चों ने बताया गुरुजी कभी कभी ही आते हैं।
8:50 बजे तक प्राथमिक विद्यालय ग्राम सभा बैजवारी मे 5-6 बच्चे विद्यालय से बाहर टहलते हुए मिले यहां किसी भी शिक्षक की उपस्थिति नहीं हुई थी।
विद्यालय के आसपास के निवासी ग्रामीणों ने बताया जिन मास्टर साहब के सहारे सैकड़ों बच्चों का भविष्य टिका हुआ है। वह मास्टर साहब सरकार से 40,45 हजार वेतन लेकर खाना पूर्ति करने के लिए कभी कभी ही विद्यालय पहुंचते हैं।
जबकि उन्हें समया अनुसार नियमित विद्यालय पहुंच कर बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी दी गई है। जिसके बदले सरकार उन्हें वेतन देती है। इस बाबत पक्ष जानने हेतु खंड शिक्षा अधिकारी सुंदर लाल रावत जी को फोन किया गया किंतु फोन रिसीव नहीं हुआ