योगी आदित्यनाथ के निर्देशों को बहिष्कार कर रहे जिम्मेदार अधिकारी। बिसवां/रेउसा पावर हाऊस
सरकार कि मंसाओ पर पानी फेर रहे| बिजली विभाग जिम्मेदार अधिकारी
भाजपा सरकार को धूमिल कर रहे विजली विभाग जिम्मेदार अधिकारी
सीतापुर। बिसवां पावर हाउस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बिजली कटौती ना करने के दे रहे हैं। आदेश लेकिन सीतापुर के बिसवां और रेउसा पावर हाउस पर मुख्यमंत्री का नहीं दिख रहा है। कोई भी आदेशों का असर रेउसा और बिसवां यहां के जिम्मेदार अधिकारियों को मुख्यमंत्री का जरा सा भी डर नहीं है।
आदेश तो मानो उनके लिए बच्चों का खिलौना क्योंकि यहां हर घंटे हर मिनट के बाद डिफर मारना और रोस्टिंग करना यह तो आम बात हो गई है। आखिर इन जिम्मेदार कर्मचारियों पर कब होगा माननीय मुख्यमंत्री के आदेशों का असर। आखिर कब से रुप से बिजली व्यवस्था सही होगी रेउसा और बिसवां में आखिर बिजली कर्मचारी कब देंगे इस पर ध्यान। एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ बेहद संजीदगी के साथ अपना काम करते हैं। वही उनके अधीनस्थ सरकारी कर्मचारी उनकी सरकार की छवि को धूमिल करने की जुगत में लगे हुए हैं।
जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिला मुख्यालय व कस्बों में 22 घंटे व गांव में 18 घंटे बिजली देने की बात करते हैं तो वही उनके अधीनस्थ कर्मचारी उनकी मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। बात करते हैं विसवां रेउसा बम्भनवा पावर हाउस की जहां पर बिजली ब्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है।
बम्भनवा पॉवर हाउस फीडरों की हालत बहुत ही दयनीय है। जहां पर 24 घंटों में सिर्फ 5 से 6 घंटे की विद्युत सप्लाई मिलती है हर घंटे रोस्टिंग की जा जाती है दिन में कई कई बार फाल्ट आती है जिससे आम जनता त्रस्त हो चुकी है।
जनता सरकार को कोसती नजर आ रही है। कोई भी बिजली अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं है बिजली व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। बम्भनवा पवार हाउस का हाल तो और भी बुरा है जहां सिर्फ 5 से 6घंटे विद्युत सप्लाई मिलती है ।
बिजली विभाग के लापरवाह अधिकारीयों की मनमानी के कारण बिजली विभाग की व्यवस्था पूरी तरीके से ध्वस्त हो चुकी है। कोई भी बिजली विभाग का अधिकारी व कर्मचारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। बरसों से कुंडली मारकर बैठे हैं सिर्फ मलाई काट रहे हैं, और सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। गर्मी शुरू होते ही लोग बेहाल है और सरकार का लाखों रुपए का बजट मात्र छलावा साबित हो रहा है।
जहां एक तरफ इस भीषण गर्मी में रमजान के पवित्र महीने में लोगों को बिजली की आवश्यकता है व किसानों को फसल सिंचाई के लिए जरूरत है पानी की जरूरत पड़ती है वही पर बिजली विभाग बड़ा ही उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं जनता में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त हो रहा है।लोगों को आस लगाकर बैठना पड़ता है ।
बिजली कटौती से इस क़दर आक्रोश व्याप्त हो रहा है, कि कभी भी विक्राल रूप ले सकता है। उमस भरी भीषण गर्मी के बीच में बिजली के गुल हो जाने से पूरी पूरी रात लोग सो नहीं पा रहे है|