तहसीलदार बिसवा और सेउता विधायक से गरीबों ने लगाई गुहार
जनपद सीतापुर के बिसवां तहसील के ग्राम कांतापुरवा निवासी लोगों ने बताया कि उनके पूर्वज सन 1948 में गरीबी और भुखमरी से परेशान होकर जनपद गोरखपुर व देवरिया से सीतापुर के कांतापुरवा में चले आए थे।
यह कांतापुरवा गांव ग्राम सभा अमिरती, ग्राम सभा सोहलिया व ग्राम सभा रसूलपुर के सरहद पर बसा हुआ है।
यहां आने के बाद 1956 में ग्राम सभा अमिरती ग्राम सभा सोहलिया व ग्राम सभा रसूलपुर के ग्राम प्रधानों व तहसील बिसवां के तहसीलदार के कर कमलों द्वारा इन गरीबों को खेती के लिए श्रेणी 3 का पट्टा किया गया था।
जिसकी कोई मियाद नहीं लिखी गई थी वर्तमान में इन लोगों के पट्टे खारिज करके नदी में दर्ज कर दिया गया है। जबकि यह पूरी भूमि कृषि योग है और नदी से दूर है।
इस कृषि भूमि पर वन विभाग द्वारा पेड़ लगाने की कार्यवाही चल रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों सहित अपने विधायक को प्रार्थना पत्र दिया है।
और कहा है कि इन गरीबों को इस पट्टे वाली जमीन से हटाया ना जाए वह इनको दोबारा पट्टा दिया जाए ताकि इनका जीवन यापन हो सके अगर इस जमीन से इनको हटा दिया गया तो यह लोग कहां जाएंगे और क्या खाएंगे क्योंकि इनके पास इसके अलावा अन्य कोई खेती योग्य भूमि नहीं है।
अपनी समस्याओं को विधायक व उप जिलाधिकारी बिसवा से अवगत कराते हुए उनका पट्टा बहाल किए जाने की अपील की। जिस पर विधायक ने भी आश्वासन दिया है कि किसी गरीब के साथ अन्याय नहीं होगा।
वही मुख्यमंत्री योगी जी कहते है कि गरीबों को परेशान नहीं किया जाएगा फिर भी उन्हीं के आला अधिकारी गरीबो पेट पर लात मार रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारी गरीबों पर दबाव बना रहे हैं की जमीन खाली करो वर्ना जेल भेज देंगे क्या यह गरीब लोग संबंधित अधिकारियों को गुंडे बदमाश नजर आते हैं कि जेल भेज देंगे गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है क्या योगी सरकार इन गरीबों पर ध्यान देगी या इनको इनके हाल पर छोड़ देगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा