बिसवा/सीतापुर आपको बताते चलें विकास खंड सकरन सांडा के ग्राम पंचायत सैदापुर में अध्यापक विद्यालय भवन पर ही कर रहे हैं बाथरूम वहीं दूसरी तरफ विद्यालय के नाम पर कई लाख रुपए किए गए खर्च जैसे कि विद्यालय फ्लोरिंग और विद्यालय में शौचालय की मरम्मत के नाम पर। फिर भी विद्यालय की हालत बड़ी दयनीय हो गई है।
अगर दो बूंद पानी की बरसात हो जाए आप विद्यालय में पैर नहीं रख सकते हैं इतना कीचड़ हो जाता है और जहां से रास्ता है वही पर पानी भर जाता है अभी पीछे कुछ दिन पहले जांच हुई थी जिसमें कई अध्यापक मौजूद नहीं पाए गए कुछ अध्यापिका की जगह उनके पति विद्यालय में ड्यूटी देते हुए दिखाई दिए वही शिक्षामित्र अपनी जनसेवा के नाम से दुकान खोल रखी है सिर्फ और सिर्फ विद्यालय में साइन करने जाते हैं।
उसके बाद अपनी दुकान चलाते हैं अगर कोई भी इनकी शिकायत करता है तो गाली गलौज और फौजदारी करने के लिए तैयार हो जाते हैं गांव वालों के पूछने पर उन्होने ने बताया कि शिक्षामित्र गायत्री देवी कई महीने से विद्यालय नहीं आती है उनकी जगह उनके पति संजय सिंह विद्यालय में उनके साइन करने जाते हैं वही दुर्गेश सिंह शिक्षामित्र की नौकरी सिर्फ कागजों पर करते हैं सारा दिन अपनी दुकान चलाते हैं जोकि दूसरे के नाम पर जनसुनवाई केंद्र खोल रखा है वह साथ में बी सी भी चलाते हैं इसी प्रकार आंगनबाड़ी हो या सहायक हो कोई भी टाइम पर विद्यालय नहीं पहुंचता है दो या तीन मास्टर जी टाइम से विद्यालय पहुंचते हैं बाकी के सभी अध्यापक अपनी मनमानी करते हैं।
और महीने में एक या दो बार आते हैं पूरे महीने का रजिस्टर मेंटेन करके चले जाते हैं जांच में भी पाया गया था लेकिन इन लोगों पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई ।अब इसको अधिकारियों की लापरवाही कही जाय या फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को खराब करने में प्राथमिक विद्यालय सैदापुर अध्यापक लगे हुए हैं क्योंकि बीजेपी सरकार ने शिक्षामित्रों की सैलरी कम कर दी गई थी इस वजह से शिक्षामित्रों का कहना है हमारा सरकार कुछ भी बिगाड़ नहीं सकती है जहां शिकायत करनी है वहां करिए कोई भी मेरा कुछ बाल बांका नहीं कर सकते हो। जो भी शिकायत करेगा उसके बच्चे को स्कूल से भगा दिया जाएगा ।अब देखना यह है ऐसे शिक्षकों पर आखिर कब होगी । आखिर कब तक बच्चों के भविष्य के साथ कब तक करते रहेंगे खिलवाड़ ।