रेउसा/सीतापुर विकासखंड क्षेत्र रेउसा में रविवार को घागरा एवं शारदा नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखने को मिली। करीब डेढ़ दर्जन नजरों में पानी का प्रवेश हो गया जिसमें गांव में आगमन के रास्ते बाढ़ के पानी से अवरुद्ध हो गए ग्रामीणों को आवागमन करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा नदियों का जलस्तर लगातार देख तटवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण भयभीत हो रहे हैं। वहीं पर तहसील प्रशासन के कर्मचारी लगातार बाढ़ क्षेत्र में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पलायन करने के लिए सतर्क कर रहे हैं। साथ ही एनडीआरएफ की टीम के जवान तटवर्ती गांव के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान के तरफ पलायन करने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। गावलोक कोडार के जंगल टपरी, गार्गी पुरवा, पासिनपुरवा, लोधन पुरवा, दुर्गापुर पुरवा, आसाराम पुरवा, संतरामपुरवा, सुकई पुरवा, रामलाल पुरवा, सम्मबारी पुरवा, मोदी नगर, आजाद नगर, नगीना पुरवा, श्याम नगर, सुंदर नगर, दर्जनों रेती चौकी पुरवा आदि मजरों के घरों में खेतों सहित संपर्क मार्गों पर बाढ़ के पानी चल रहे हैं जिसके चलते ग्रामीण के सामने खाने-पीने मावेशी के चारे जैसे समस्या उत्पन्न हो रही। हालांकि प्रशासन द्वारा लगातार इन परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के समस्त टीम द्वारा कैंप लगाकर मरीजों को स्वास्थ्य परीक्षण कराकर दवा वितरण करने का कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य टीम के सुरभि वर्मा, नितिन बाजपेई, अवनीश मिश्र,प्रदीप कुमार, नीरज आदि मौजूद रहे। उप जिलाधिकारी पी एल मौर्य, तहसीलदार अभिषेक प्रताप सिंह बाढ़ चौकी पहुंचकर बाढ़ क्षेत्र मैं लगे कर्मचारी तहसील अन्य विभागों के गांव ग्राम प्रधान से बाढ़ को लेकर चर्चा के बाद से निपटने के लिए विचार अर्ज किया है उस वहीं पर एनडीआरएफ टीम के जवानों के साथ जंगल टपरी गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मिलकर उनका हालचाल जाना व ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पलायन के लिए निर्देश दिए। वहीं से अधिशासी सिंचाई विभाग विशालपुर वालों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पानी छोड़ा गया है जिसमें घाघरा नदी में 269492 क्यूसेक शारदा बैराज से 160996 क्यूसेक बनबासा से 136410 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।