गलगोटिया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा में मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
स्वतंत्र स्वरूप ब्यूरो-अतुलेश पांडेय)
ग्रेटर नोएडा: गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में अप्लाइड साइंस डिपार्टमेंट द्वारा मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विपिन कुमार श्रीवास्तव जी ने किया। उन्होंने कहा इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम रखी गई है, "वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान" जिसे देशभर में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम का मतलब है कि भारत समेत पूरी दुनिया 2023 में नई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है। इन चुनौतियों का सामना करने और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान के महत्व को उभारना जरूरी है। रमन इफेक्ट की खोज को चिन्हित करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। डॉ स्मृति द्विवेदी ने रमन इफेक्ट पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अगर कोई प्रकाश किसी पारदर्शी वस्तु के बीच से गुजरता है,तो प्रकाश का कुछ हिस्सा विक्षेपित होता है जिससे वेब लेंथ में बदलाव होता है। इस खोज को रमन इफेक्ट नाम दिया गया।वैज्ञानिक सीवी रमन विज्ञान के क्षेत्र के ऐसे ही एक दिग्गज हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में 28 फरवरी को मनाया जाता है। यही वह दिन है जब देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने 'रमन प्रभाव' का आविष्कार किया था, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अप्लाइड साइंस डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ राजेश त्रिपाठी ने कहा की सीवी रमन के जीवन में आठ नंबर का विशेष महत्व रहा है। उन्होंने कहा लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और समाज में विज्ञान के प्रति जागरुकता लाने के लिए हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह मानव जाति की प्रगति के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण और खोज के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह भारतीय नागरिकों को भौतिक दुनिया को प्रभावित करने वाली घटनाओं का अध्ययन करने और समझने के लिए प्रोत्साहित करता है। अंत में उन्होंने कहा फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट को आपस में मिलकर पेटेंट और शोध पेपर्स को प्रकाशित करना चाहिए। जिससे हमारे कॉलेज और डिपार्टमेंट का नाम ग्लोबल हो। अंत में डॉ राजीव किशोर ने कार्यक्रम के संयोजक डॉ विपिन कुमार श्रीवास्तव,ग्रीन क्लब के मेंबर्स और डिपार्टमेंट के सभी प्रोफ़ेसर, सहायक प्रोफेसर, प्रयोगशाला सहायकों को प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।।