गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी ग्रेटर नोएडा में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) पर व्याख्यान हुआ
गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी और बैकसन होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवं मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने संयुक्त रूप से 4 मई 2023 को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) पर व्याख्यान आयोजित किया। व्याख्यान का उद्देश्य दुनिया भर में लाखों महिलाओं को प्रभावित करने वाले पीसीओएस के लक्षणों, कारणों और उपचार के बारे में जागरूकता पैदा करना था। व्याख्यान डॉक्टर तान्या बख्शी एमडी, बैकसन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स, डॉ चंद्र मुखी गुप्ता प्रोफेसर / एचओडी प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा दिया गया था।
लेक्चर की शुरुआत से पहले बैकसन मेडिकल कॉलेज के छात्रों द्वारा पीसीओएस और इसके लक्षणों के बारे में एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। नुक्कड़ का उद्देश्य पीसीओएस के बारे में जागरूकता फैलाना था।डॉ चंद्र मुखी गुप्ता ने पीसीओएस का एक संक्षिप्त विवरण प्रदान करके व्याख्यान शुरू किया, जो कि प्रजनन आयु की महिलाओं को प्रभावित करने वाला एक हार्मोनल विकार है। उन्होंने बताया कि पीसीओएस एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में असंतुलन की विशेषता है, जो अनियमित पीरियड्स, पेल्विक दर्द, संतान प्राप्ति में कठिनाई , मुँहासे और बालों के अत्यधिक विकास का कारण बन सकता है। डॉ.तान्या बख्शी ने पीसीओएस से जुड़े विभिन्न जोखिम कारकों, जैसे मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध और पारिवारिक इतिहास पर भी चर्चा की। पीसीओएस के लिए इस्तेमाल होने वाले डायग्नोस्टिक टूल्स, जैसे ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और पेल्विक एग्जाम के बारे में चर्चा की। उन्होंने बांझपन, मधुमेह और हृदय रोग जैसी जटिलताओं को रोकने के लिए शीघ्र निदान और उपचार के महत्व पर जोर दिया। इसके बाद उन्होंने ने पीसीओएस के लिए उपलब्ध विभिन्न उपचार विकल्पों पर भी चर्चा की, जिसमें जीवन शैली में संशोधन, जैसे कि आहार बदलाव (फाइबर, विटामिन ई और ओमेगा -3 और -6 फैटी एसिड बढ़ाए), व्यायाम, और दवाएं। उन्होंने पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता के महत्व के बारे में भी बात की, क्योंकि यह स्थिति अक्सर भावनात्मक संकट और अवसाद का कारण बन सकती है। विश्वविद्यालय के सी.ई.ओ ध्रुव गलगोटिया ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि समय-समय पर इस प्रकार के व्याख्यान करना जरूरी है। जिससे विद्यार्थीयों और समाज को बीमारियों के प्रति जागरूक किया जा सकें। अंत में उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक करने की दिशा में,मैं और मेरा संस्थान हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाएगा और अग्रणी रहेगा। फार्मेसी विभाग के डायरेक्टर डॉ विक्रम शर्मा ने कहा कि यदि सभी लोग अपनी दैनिक दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव लाएं और नित्य योग करें तो हम सभी इस तरह की गंभीर बीमारियों को बढ़ने से रोक सकतें है। अंत में फार्मेसी विभाग के डायरेक्टर डॉ विक्रम शर्मा जी ने व्याख्यान डॉ चंद्र मुखी गुप्ता, डॉक्टर तान्या बख्शी और उनकी टीम सदस्यों, उपस्थित सभी प्रोफेसरों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद दिया।