अटरिया सीतापुर जनपद के सिधौली कोतवाली क्षेत्र के अटरिया अनोखी कार्यवाही सामने आ रही है यहां प्रतिबंधित हरे आम के पेड़ों के कटानो पर किसी पर कार्यवाही की जाती है तो किसी पर रहमत की बौछार भी की जाती है जानकारी के अनुसार अटरिया पुलिस द्वारा आम के पेड़ों के कटान से संबंधित कार्यवाही को लेकर भेदभाव के मामले प्रकाश में आ रहे हैं
जहां एक तरफ अवैध पेड़ों का कटान कर रहे कई ऐसे ठेकेदारों पर कार्यवाही की गई तो कई ठेकेदारों पर रहमत की बौछार भी की गई बताते चलें थानाध्यक्ष प्रथम आगमन के पश्चात ही अटरिया रिलायंस पेट्रोल पंप के पीछे भारी मात्रा में हरे पेड़ों का कटान किया गया था जिस पर जनपद के वन विभाग सहित स्थानी पुलिस के अधिकारियों को सूचना दी गई थी
सूचना पर अटरिया थाना इंचार्ज द्वारा घटनास्थल पर जाकर कई लोगों को पूछताछ के लिए भी लाया गया था किंतु कुछ ही मिनट बाद समस्त कटान कर रहे व्यक्तियों को छोड़ भी दिया गया उक्त घटना के लगभग 1 महीने बाद पुरानी अटरिया एवं अटरिया के गुलरिया गांव में पेड़ों की कटान कर रहे व्यक्तियों पर सख्त कार्यवाही की गई
आखिर क्यों बड़े कटान कर रहे व्यक्तियों को तत्काल बरी कर दिया गया था वहीं दूसरी तरफ अन्य लकड़ी ठेकेदारों पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई उक्त अपराध पर स्थानीय पुलिस द्वारा आखिर क्यों भेदभाव जैसी रिती अपनाई गई यह जांच का विषय बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ लोगों की माने तो स्थानीय पुलिस सिर्फ उन्हीं लोगों को विशेष छूट उपलब्ध कराती है जिन्होंने सुविधा शुल्कदे रख्खा हो
हालांकि अभी तक सुविधा शुल्क दिए जाने का कोई प्रमाण सामने नहीं गया है
(क्या पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से होता है अवैध कटान-)
एक ओर यूपी सरकार बेहद वृक्षारोपण कर गिनीज बुक में नाम दर्ज करवा चुकी है। वहीं वर्तमान समय में सिधौली के अटरिया वन रेंज क्षेत्र में वन कर्मचारियों व स्थानीय पुलिस की सरपरस्ती में पर्यावरण बचाओ अभियान दम तोड़ दिया है।
लकड़ी माफियाओं द्वारा चंद नोटों के लालच में आकर क्षेत्र में हरे भरे पेडों पर दिन रात आरा चला कर हरियाली को नष्ट करने का काम किया जा रहा है। फारेस्टर पुलिस और लकड़ी माफिया की जुगलबंदी के कारण सर्किल सिधौली के अटरिया ग्रामीण क्षेत्रों के रिलायंस पेट्रोल पंप के पीछे हरे भरे प्रतिबंधित पेडों की कटाई की गई थी लेकिन विभाग द्वारा कार्यवाही नजर आई थी। सिधौली कोतवाल के अटरिया के लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी,थी
लेकिन सूचना के बाद भी संबंधित विभाग के जिम्मेदारों ने मौके पर पहुंचा मुनासिब नहीं समझा। मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने से पूरे सर्किल भर में लकड़ी तस्कर सक्रिय हैं। दसकों पुराने पेड़ों की कटाई कर लकड़ी बेचकर मालामाल हो रहे हैं।
लकड़ी माफिया लकड़ियों को महंगे दर पर बेचकर खजाना भर रहे हैं। उन्हें पर्यावरण संरक्षण से कोई लेना देना नहीं है। विभागीय निष्क्रियता के कारण नीम,आम, महुआ, इमली,गूलर, बरगद पीपल, शीशम,इमारती लकड़ियों को बेधड़क काटा जा रहा है।
इसमें सरकार को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है पर पर्यावरण संरक्षण में यह लोग बड़ी बाधा पहुंचा रहे हैं।फिर भी राजस्व एवं वन विभाग दोनों का आमला ऐसे लोगों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। रेंजर को सूचना दी गई।रेंजर ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया है।