चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कुलपति डॉ डीआर सिंह ने बताया कि सीएसए के वैज्ञानिक किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए निरंतर नई-नई तकनीकों के साथ शोध कार्य भी कर रहे हैं। इन तकनीकों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर का भी बराबर सहयोग मिल रहा है।
सीएसए के कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि अलग-अलगवातावरण में फसलों में कई तरह की बीमारियां होने की आशंका रहती है। उसमें विभिन्न रसायनों का छिड़काव करना पड़ता है, लेकिन किस फसल में कौन सी बीमारी कब लगने वाली है, इसकी जानकारी होने में समय लगता है। इसी समस्या को लेकर आइआइटी की मदद से सेंसर प्रणाली पर आधारित एक रोबोट का निर्माण कराया जा रहा है।
रोबोट में लगे सेंसर खेत में मिट्टी के कणों में मौजूद नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, कार्बनिक कार्बन, कैटियन एक्सचेंज कैपेसिटी आदि पोषक तत्वों की मात्रा का पता लगा सकेंगे। पौधे व पत्तियों की फोटो खींचकर उसके आधार पर बीमारी का पूर्वानुमान लगा सकेंगे। इससे किसानों को समय से पहले ही सतर्क होकर फसलों में बीमारी को रोकने में मदद मिलेगी। वे पूर्व से ही संबंधित दवा का छिड़काव व अन्य उपाय अपना सकेंगे। अभी आइआइटी की ओर से रोबोट का ट्रायल चल रहा है।
रिमोट से संचालित होगा रोबोटआइआइटी की ओर से दो तरह के रोबोट बनाए जा रहे हैं। एक रोबोट की ऊंचाई करीब डेढ़ फीट है और दूसरे की तीन से चार फीट होगी। संयुक्त निदेशक शोध डा. एसके बिश्वास ने बताया कि रिमोट से इन रोबोट को खेत के विभिन्न हिस्से में चलाया जा सकेगा। जिन खेतों में पौधे लाइन में लगे होते हैं, उनमें रोबोट को आसानी से चलाया जा सकता है, लेकिन जिन खेतों में पौधे लाइन में नहीं होते, उनमें मेड़ पर चलाया जाएगा।