सम्भल:-रंगो के त्योहार होली के नजदीक आते ही लोगों की जबान पर रंगों से संबंधित बातें होती हैं अब उत्तर प्रदेश में संभल भी रंगो के त्योहार होली में अहम योगदान करने के लिए पीछे नहीं है होली का त्यौहार नजदीक आते ही लोग हाथरस के रंगों की बात किया करते थे पिछले 40 वर्षों से संभल में रंग तैयार हो रहा है और यह रंग भारत देश के 8 राज्यों में जाता है पहले उत्तर प्रदेश क्या अन्य राज्यों के लोग भी रंग लेने के लिए हाथरस जाते थे लेकिन अब संभल के रंगों की डिमांड उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी होती है वैसे तो संभल मेंथा आलू एवं हैंडीक्राफ्ट के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक जनपद एक उत्पाद योजना में हैंडीक्राफ्ट को शामिल किया है संभल में तैयार हुए रंगों की महक उत्तर प्रदेश सहित आठ राज्यों में दिखाई देती है 40 वर्षों से उत्तर प्रदेश के संभल में रंगों को तैयार करने का काम हो रहा है सदर कोतवाली संभल निवासी बृजेश गुप्ता और उनके पुत्र हर्ष गुप्ता ने रंग बनाने की फैक्ट्री लगा रखी है यहां वर्तमान समय में 13 प्रकार के गुलाल बनाने का काम होता है लेकिन इससे पहले चार से पांच तरह के गुलाल बनते थे समय के साथ अन्य रंगों के गुलाल भी बनने लगे और इस की महक उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों सहित कई राज्यों में महकने लगी है हाथरस के बाद जब संभल में रंग बनने शुरू हुए तो पहले संभल के रंगों की डिमांड कमाई लेकिन समय के साथ ही डिमांड बढ़ गई और आज संभल भी रंगों के मामले में हाथरस के बराबर जा खड़ा हुआ है संभल में तैयार होने वाले रंग ऐसे ही मार्केट में बिक्री के लिए नहीं भेजे जाते हैं बल्कि गुलाल से स्किन को कोई हानि न पहुंचे इसके लिए पहले दिल्ली लैब में टेस्ट कराए जाते हैं और इसके बाद मार्केट में जाते हैं लैब में टेस्ट होने के बाद इसे ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल कहा जाता है 10 दिन में मक्के के आटे से एक बार में डेढ़ सौ किलो गुलाल यहां बनता है पहले पानी से गुलाल बनाकर सुखाया जाता है 8 दिन में गुलाल सूखता है और उसके बाद इसकी पैकिंग 80 ग्राम 5 किलो 10 किलो 25 किलो के पैकेट में कर दी जाती है हर किसी गुलाल में अलग-अलग तरह की खुशबू जैसे रोज, लैवेंडर ,मोगरा ,जैस्मिन आदि डालते हैं इसके अलावा फ्रूट गुलाल भी बनाए जाते हैं जिसमें फलो की खुशबू डाली जाती है 6 प्रकार के फ्रूट गुलाल तैयार होते हैं जिसमें कच्चा से अनानास केला आम आदि की खुशबू डालकर उन्हें तैयार किया जाता है यह लैबोरेट्री टेस्ट हर्बल गुलाल आगे निक है इसमें मशीन का प्रयोग नहीं होता है यह हाथ से तैयार किया जाता है हर्ष गुप्ता ने बताया कि प्योर अरारोट का गुलाल बनाते हैं यह हर्बल गुलाल होते हैं और हम 13 तरह के रंग के गुलाल बनाते हैं हम 40 वर्षों से इस काम पर हैं हमारे यहां तैयार हुए रंग उत्तर प्रदेश सहित बिहार पंजाब दिल्ली हरियाणा उत्तराखंड राजस्थान मध्य प्रदेश में जाता है महंगाई का इस बार 10 परसेंट असर पड़ा है जबकि पिछली बार 20% और पिछले 2 साल में अगर देखा जाए तो 30% का महंगाई का असर देखने को मिला है इस बार ही नहीं 4 से 5 साल से भगवा रंग के गुलाल की डिमांड ज्यादा है।