इस भीषण सर्दी मे भूलकर भी बन्द कमरे में अंगीठी जलाकर सोने की गलती न करे |सोते ही रह जायेंगे |
बन्द कमरे में अंगीठी जलाकर सोना क्यों होता है जानलेवा ?
आग जलने के लिए सबसे जरूरी चीज है आॕक्सीजन , बिना आॕक्सीजन के आग नही जल सकती , इसलिए आग बुझाने के लिए उसे कम्बल से कवर कर दिया जाता है या बहुत सारा झाग डाल दिया जाता है या बालू डाल दिया जाता है |मतलब आॕक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी जाती है |
बन्द कमरे में जब अंगीठी जलाते है तो अंगीठी की आग कमरे में मौजूद आॕक्सीजन को सोखती रहती है इससे कमरे में मौजूद आॕक्सीजन की मात्रा घटती जाती है चूकि कमरा बन्द होता है इसलिए ताजी हवा की सप्लाई नही हो पाती तथा धीरे धीरे कमरे की आॕक्सीजन कम हो जाती है|
कम आॕक्सीजन की उपस्थिति मे जब बन्द कमरे में अंगीठी जलायी जाती है तो कार्बन डाई आक्साईड के साथ साथ जहरीली गैस कार्बन मोनो आक्साईड भी पैदा होती है| यही कार्बन मोनो आक्साईड जानलेवा होती है |
जिन कमरो मे रोशनदान होता है|तो उन कमरो की सारी जहरीली गैस उस रोशनदान से बहार निकल जाती है| और खतरा टल जाता है |
इसीलिए अंग्रेजो के जमाने में जो फायरप्लेस बनायी जाती थी उसकी चिमनी छत पर खुलती थी वहा से सारी जहरीली गैस बहार निकल जाती थी|