*नोएडा के मारवा स्टूडियो में 11th ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज्म का शानदार आयोजन किया गया*
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नई दिल्ली 15 फ़रवरी 2023
-10 मार्च 1991 को मारवाह स्टूडियो का शुभारंभ हुआ था।मारवा स्टूडियो के संस्थापक डॉ संदीप मारवाह ने बुधवार दिनांक 15 फरवरी से लेकर 17 फरवरी तक 11th फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज्म मारवाह स्टूडियो के 32वें वर्ष पूरे होने के अवसर पर बधाई दिया।कृष्णा राज कपूर,शम्मी कपूर, बोनी कपूर, अनिल कपूर, प्रेम चोपड़ा,गुलशन कुमार, राकेश रोशन,एवं यश चोपड़ा ने मारवाह स्टूडियो में समारोह का उद्घाटन किया था।
संदीप मारवाह ने कहा कि "मारवाह स्टूडियो" ने एक लंबा सफर तय किया है, जिसमे हमारे माता पिता का आशीर्वाद हमारे साथ हैं।32 साल में हमने दुनिया को साबित कर दिया है कि ईमानदारी और कड़ी मेहनत से आप एक बंजर भूमि को उपजाऊ बना सकते हैं और जरूरी परिणाम पा सकते हैं।
सात विश्व रिकॉर्ड,100 संघटन, दो मिलियन लोग,145 देश,700 पुरुस्कार,20,000 मीडिया विशेषज्ञ,60 राजदूत और कई कला और सांस्कृतिक संघटन से ग्लोबल कल्चरल मिनिस्टर जैसे खिताब ने हमें राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय पुरुस्कारों का गठन करने के लिए प्रेरित किया।
मारवाह स्टूडियो के योगदान को किसी भी स्तर पर नज़रंदाज़ नही किया जा सकता है।समाज के कई अन्य वर्गों जैसे शिक्षा, पर्यावरण, बड़े सामाजिक मुद्दे,सरकारी अभियान में हमारा योगदान सराहनीय है।
11th ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज्म नोएडा फ़िल्म सिटी में बड़े ही धूमधाम के साथ आयोजित किया गया।पत्रकारिता फेस्टिवल को राष्ट्रीय और विदेशी प्रतिनिधियों ने कलरफूल बना दिया।
राजनीतिक वार्ता साप्ताहिक हिंदी समाचार पत्र के मुख्य संपादक चौधरी अफज़ल नदीम शाह ने भी इस 11th ग्लोबल फेस्टीवल ऑफ जर्नलिज्म में शिरकत किये एवं कई पैनलिस्ट भी शिरकत किये।टेबल राउंड पे विशेष डिजिटल जैसे टीवी पर वार्त्तालाप हुई।
चौधरी अफज़ल नदीम शाह ने कहा कि मुझे यहाँ आना मेरे लिए फख्र की बात है।मेरी पत्रकारिता में मारवा स्टूडियो भी एक अहम हिस्सा रहा है।मैं जब भी मिला या मुझे मौका मिला मारवा स्टूडियो के जनक,संस्थापक संदीप मारवा से मैं ऊर्जावान अपने आप को महसूस करता था।संदीप मारवा की मुस्कान, बातचीत करने का तरीका बेहद ही दिलचस्प होता था।आज मैं इस फेस्टिवल में शामिल हुआ यह मेरी खुशकिस्मत है, मुझे मोमेंटो से सम्मानित किया गया एवं सारे पैनलिस्ट को भी सम्मानित किया गया। मैं अशोक कुमार त्यागी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ वे स्वस्थ रहे ।सुशील भारतीय को भी धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने मुझे निमंत्रण पत्र भेजा।इस फेस्टिवल में मुझे काफी चीज देखने को मिला जैसे वर्कशॉप, सेमिनार,पैनल डिस्कसन, कला,संस्कृति,पोस्टर आदि।सबसे अहम रहा ममता सोनी जी ने संदीप मारवा की जिंदगी पे एक किताब लिखी।किताब का नाम है *संदीप मारवा एक प्रेरणा* ।इस किताब की कुछ पंक्तियां
देखोगे गर ख्वाब तभी तो ताबीर बनेगी,रेखाओं से नहीं मेहनत से तक़दीर बनेगी ।।उत्तर भारत में फ़िल्म सिटी का सपना देखने वाले संदीप मारवा ने जो सपना देखा था।इस सपने को साकार करने के लिए जो प्रयास ,मेहनत, संघर्ष किया,यह बात किसी से छुपे नही है।कोई भी क्षेत्र हो,चाहे वह फ़िल्म,मीडिया, कला,संस्कृति और साहित्य से संबंधित हो या फिर फैशन का क्षेत्र हो,उनकी नज़रों से अछूता नहीं रहा।ऑनलाइन MSTV एवं रेडियो 107.4 FM मारवा स्टूडियो का सबसे महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं।संदीप मारवा ने इनके माध्यम से असंख्य लोगों को आगे बढ़ाने के लिए मंच प्रदान किया।सपने अवश्य देखिए और उन्हें साकार करने के लिए जी जान से जुट जाएं।ममता सोनी ने लिखी है कौन कहता है आसमान में सुराख़ नही हो सकता।
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो।
मारवा स्टूडियो पुरे देश में एक वाहिद स्टूडियो है। फ़िल्म और मीडिया के लिए मक्का और मदीना है।