बरेली में ज्ञानवापी पर मौलाना तौकीर रजा ने हिंदुत्व का उड़ाया मजाक शिवलिंग को कहा फव्वारा
बरेली में मौलाना तौकीर रजा ने ज्ञानवापी पर कहा की ज्ञानवापी का सर्वे बंद कमरों के लिए हुए था खुले हौज के लिए नहीं, लेकिन हौज में खड़े फव्वारे को शिवलिंग बताकर हिंदुत्व का मजाक उड़ा रहे हैं। इसके खिलाफ हिंदू भाइयों को भी खड़ा होना पड़ेगा
मौलाना तौकीर रजा खान ने बरेली कैंप कार्यालय में प्रेस से बात करते हुए कहा, अगर ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग है तो यह हर जिले और हर सूबे में मौजूद है इसमें हमारा कोई नुकसान नहीं है बल्कि दुनिया में हिंदुत्व की छवि खराब हो रही है।
जब देश में एक कानून बन चुका है कि अयोध्या के अलावा किसी धार्मिक स्थल को नहीं तोड़ा जा सकता तो फिर इस ज्ञानवापी पर सर्वे का आदेश कोर्ट ने क्यों दिया जब यह कानून 1992 में बन चुका है कि जहां मस्जिद है या दूसरे धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं वह वैसे ही रहेंगे इसमें अगर कोई जबरदस्ती की गई तो इसका खामियाजा सरकार भुगतने को तैयार रहे और तौकीर रजा ने बाबरी मस्जिद का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी आस्था को नहीं माना, हिंदुओं की आस्था को माना इस मामले में एक जज ने फैसला देकर राज्यसभा में जगह पाई और अब एक और जज इसी तैयारी में है।
तौकीर रजा यहीं नहीं रुके बोले, हिंदुस्तान और पाकिस्तान का जो बंटवारा हुआ वो किसी मुसलमान ने नहीं कराया वो आरएसएस की गहरी साजिश थी हिंदू राष्ट्र बनाने की। आरएसएस ने हिंदू पिता गुंजा लाल ठक्कर के बेटे जिन्ना का सहारा लिया, जिन्होंने अपने घर से विवाद होने के बाद इस्लाम धर्म अपना लिया था और तौकीर रजा ने कहा मोहम्मद अली जिन्ना मुसलमान धर्म अपनाने के बाद भी इस्लामी परंपराओं का पालन नहीं करते थे नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या के लिए खतना करा लिया, उसका मकसद यह था कि हत्या के बाद अगर वह मर जाता है तो उसकी पहचान मुसलमान के रूप में हो तौकीर रजा यही नहीं रुके और कहा आरएसएस की एक चाल थी, जिससे देश में दंगे भड़क जाएं इसके ज्ञानवापी का मुद्दा उठाया गया है